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नेत्र रोग के आयुर्वेदिक नुसखे :







यदि आँखों में जलन व लालिमा रहती हो तो ग्वार पाठे का ठण्डा गूदा आँखों पर बांधें। इससे लाभ होता है।

त्रिफला चूर्ण को शहद में मिलाकर रात को सोते समय सेवन करने से आँखों की बहुत-सी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं।

आँवलेेेे को कूट कर दो घण्टे तक पानी में उबालने के बाद छानकर ठंडा करके दिन में तीन बार इस जल की बूंदें आँखों में डालें। इससे नेत्र रोग से राहत महसूस होती है।

बेल की पत्तियों का रस निकाल कर बारीक कपड़े से छान लें। एक-दो बूँदें आँख में डालने से आँख का दर्द करना, आँख आना तथा आंखों से धुंधलापन की शिकायत दूर हो जाती है। आँखों की चुभन, पीड़ा, शूल आदि से भी राहत महसूस होती है।

आंखों के इलाज में लौकी का छिलका बहुत उपयोगी है। लौकी का छिलका साये में सुखाने के बाद इसे जला लें। इसे खरल में पीस कर बहुत बारीक कर लें। सुबह तीन-तीन सलाई दोनों आँखों में सुरमे की तरह लगाने से कुछ दिनों के बाद आंख संबंधी सारे विकार दूर हो जाते हैं।

इमली के बीजों की गिरी पत्थर पर घिस कर लेप-सा बनाकर गुहेरी पर लगाने से ठण्डक मिलती है। इससे गुहेरी ठीक भी हो जाती है।